श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का करें बेहतर क्रियान्वयन, समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश।
(रोहित साहू) सुकमा:- कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने श्रमिको के कल्याण के लिए संचालित शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। मंगलवार को जिला कार्यालय में आयोजित समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन की प्राथमिकता कोरोना वायरस की इस वैश्विक आपदा के समय श्रमिकों की सहायता है। उन्होंने श्रमिकों की दक्षता के संबंध में जानकारी जुटाने के साथ ही इच्छुक श्रमिकों को आवश्यकतानुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने लौटने वाले सभी श्रमिकों का पंजीयन भी अनिवार्य तौर पर करने के निर्देश दिए। श्रम विभाग द्वारा संचालित भगिनी प्रसुता योजना तथा छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने को कहा। उन्होंने सुकमा जिले में स्कूली बच्चों को प्रदाय किए जा रहे जाति प्रमाण पत्र की प्रशंसा करते हुए इस सत्र में पहली से चौथी कक्षा के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र भी तैयार करवाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने खरीफ फसल के लिए की जा रही तैयारियों के संबंध में जानकारी लेते हुए दलहन और तिलहन फसलों का रकबा बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी समितियों में खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने उचित मूल्य की दुकानों में राशन के भण्डारण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिक से अधिक नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने को कहा।
कलेक्टर ने मानसून के दौरान भी शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित के लिए पहुंचविहीन क्षेत्र की प्रसुताओं को प्रसव की संभवित तिथि से लगभग 20 दिन पूर्व स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुपोषण की दर को कम करने के लिए सभी पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों को भर्ती करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में लगभग साढ़े तीन हजार गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी और सहायिका भर्ती की कार्यवाही तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
रोका-छेका के लिए हर गांव हर गौठान में होगी बैठक
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि खरीफ फसलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खुले में पशुओं की चराई पर रोक लगाने के लिए रोका-छेका हेतु ग्रामवासियों की बैठक आयोजित की जाएगी। सभी गांवों और गौठानों में वहां के पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी, गणमान्य नागरिक और चरवाहा मिलकर रोका-छेका की व्यवस्था को लागू करने के संबंध में आवश्यक निर्णय लेकर इस व्यवस्था को लागू करेंगे। रोका-छेका की व्यवस्था से अन्य फसलों के लेने की संभावना भी बढ़ जाएगी। आगामी बुवाई के मौसम को देखते हुए रोका-छेका की परंपरा को बहुत प्रासंगिक बताया। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पूरे जिले में पशुओं द्वारा खुले में चराई पर रोक लगाने के लिए बैठकें आयोजित कर स्थानीय पशुपालक समुदायों द्वारा प्रतिज्ञा ली जाए कि वे अपने मवेशियों को खुले में चरने नहीं देंगे। इसके साथ ही पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री ओपी कोसरिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री नूतन कुमार कंवर सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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