सरपंच और ठेकेदार ने मिलीभगत से बना दिया किसानो का अवैध पट्टा, सड़क एवं भवन निर्माण में किया लाखो का घपला।
सुकमा:- ग्राम पंचायत पोरदेम के नागलगुंडा के जमीन के कथित हिस्सा बंटवारा इन दिनों सुर्खियों में है,जो लोग आम जनता के समस्याओं पर कम ठेकेदारी पर ज्यादा ध्यान देने वाले लोग नागंलगुडा के जमीन के सम्बन्ध में बिना कोई जानकारी के मिडिया में आम जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है,
वास्तविकता यह है कि ग्राम पंचायत पोरदेम के नागलगुंडा के किसानो का कृषि भूमि संयुक्त खाते में है।उस भूमि का हिस्सा बंटवारा पूर्व सरपंच पति मड़कामी हडमा उनके साथी ठेकेदार गंदम सुंदर वह कुछ अन्य तत्वो के द्वारा मिलकर गांव व किसानों के बिना जानकारी के ही सुकमा में बैठकर राजस्व कर्मचारी व अधिकारीयों के मिलीभगत से मनमर्जी पट्टा बनवा दिए हैं।
ये व्यक्ति वहीं लोग हैं जो सरपंच पति रहते मडकामी हडमा और गंदम सुंदर के द्वारा सी.सी.सडक के नाम से बिना कोई निर्माण कार्य प्रारंभ किए ही 2,50000/ (दो लाख पचास हजार) निकाल कर खा लिए है। अभी उक्त फर्जी आहरण का वसूली प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुकमा कार्यालय के समक्ष चल रहा है,मडकामी हडमा और गंदम सुंदर के द्वारा गांव में डबरियो का निर्माण करा कर पिछले 5 वर्षा से मजदूरों को लगभग एक लाख रुपए मजदूरीयो का भूगतान नहीं किये है।
आंगनबाड़ी भवन बनवाकर करीब 50-60 हजार रुपए भूगतान नहीं किए हैं अभी संयुक्त खाते की भूमि पर हेर फेर कर पट्टा बनवाकर उस में तालाब,डबरी, भूमि समतलीकरण से पैसा निकालकर हड़पना चाहते हैं।
ऐसे नियत के लोग दूसरों को दलाल जैसे शब्द कहते शर्म आनी चाहिए। नांगलगुंडा में करीब 63 मराने है उनका जमीन मडकम परिवार के खाते में मडकमो के नाम से राजस्व रिकार्ड में जमीन जरूर है परन्तु उस भूमि के स्वामी मडकम परिवार के अलावा माडवी,कुडामी, पोडियामी,सोडी आदि करीब 30 परिवार का जमीन है। उसे मात्र( 15 )पन्द्रह लोग अलग। कैसे पट्टा बनवा सकते हैं यह बड़े रहस्य की बात है कि गांव के सभी किसान चाहते हैं कि संयुक्त परिवार में स्थित भूमि हिस्सा बंटवारा हो, लेकिन सबकी सहमति से नाप -जोप कर जो जैसा काबिज हैउस आधार पर बंटवारा होना चाहिए। न कि इस तरह चोरी चुपे बंटवारा नहीं होना चाहिए।इस संबंध में निष्पक्ष जांच कर ,अवैध तरीके से जारी पट्टे निरस्त करने की मांग हमने एस. डी .एम. साहब सुकमा से लिखित में आवेदन पत्र देकर मांग किया है, शीघ्र निष्पक्ष जांच होना चाहिए।
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