तीन सालों में भी नहीं बन पाई चार फीट पुलिया
(दिनेश बघेल) बारसूर:- हितामेटा पंचायत के नाम पर सहायक और सचिव ने एक अनोखा कारनामा कर डाला। बारसूर मेन रोड के किनारे पर मांडेरनाला के करियाटिकरा जाने वाले सड़क मार्ग पर एक पुलिया निर्माण कार्य तीन सालों से अधूरा पड़ा है, वहीं शंकर टांडी द्वारा फोन पर कई बार हितामेटा सहायक सचिव को बताया गया लेकिन है कि वह तो मोहल्ला वासियों से टाइम मांगने लगे,
फिर भी ग्रामीणों ने टाइम 15 /8/2000तक दिया, अब कहने लगे हैं कि इधर -उधर दौड़ धूप करने पर पुलिया का सारा पैसा समाप्त हो जाने की बात कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सहायक सचिव के द्वारा पुलिया का सारा पैसा आहरण कर खुद के जेब भर लिया और ग्रामीणों को कीचड़ से लथपथ जगह का सामना करना पड़ रहा है।
और लोगों के सामने कहते कि हमें वेतन भी नहीं मिलता है ।माडेरनाला चौक से करियाटिकरा पारा मार्ग को जोड़ता है, इस पुलिया को मनरेगा योजना में शामिल कर लिया। सिर्फ यही नहीं पिछले तीन सालों में लगभग 80 लाख रुपये इस हितामेटा पंचायत पर खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक चार फीट की पुलिया नहीं बनाई जा सकी है।
करियाटिकरा रोड की बात करें तो पुलिया का आलम यह है कि जगह-जगह पर योजना में शामिल किया गया था। इस योजना के तहत हितामेटा से आगे चित्रकूट मार्ग तिराहे को भी शामिल कर लिया गया। जबकि चित्रकूट तिराहे को इस वर्ष निर्माण पुलिया भी पुरी तरह से घटिया सामग्री का उपयोग किया है की , लेकिन पंचायत ने अनोखा कारनामा करते है कि बारसूर में बाजार और राशन लेने आने के दौरान कीचड़ के ऊपर की स्थिति में ग्रामीणों का प्रयोग बाईपास के तौर पर किया जा सकता है।
अगर इस बात को मान लिया जाए तब भी तीन साल पहले निर्माण पुलिया की स्थिति बेहद खराब है। । पिछले तीन सालों से हितामेटा के मांडेरनाला पर एक चार फीट की पुलिया नहीं बनाई जा सकी। हैरत की बात यह है कि Dmfफंड जैसे द्वारा राशि प्राप्त करने के बाद भी नहीं मिलती जनता को आने जाने के सुविधाएं,
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